आज सभी सज्जनों और दोस्तों के स्टेटस पर 12वी कक्षा के परिणाम देख रहा हूं! सभी अपने हितैषियों के नतीज़े एक दूसरे से साझा कर रहे है! मौहल हल्का और खुशनुमा कर दिया इस परिणाम ने!! वाकई कितने शानदार रहे है, इस बार के नतीज़े !!
अगर आप भी हल्का और खुशनुमा माहौल महसूस कर रहे हो, तो शायद आप निष्क्रिय या जड़ हो चुके हो!! मैं शाम से हैरत में हूं! आपको मूल्यांकन करने का बोला था, आपने तो मनोरंजन कर दिया!! मैंने सोचा था कि वाकई कितना अभूतपूर्व परिणाम जारी होगा, लेकिन आपने तो छात्रों को बैशाखी पकड़ा दी! आपने तो सबको एक ही लकड़ी से हांकना....! ये मूल्यांकन का कौनसा पैमाना है?
अरे! आप कबतक इस महामारी के ओट में हर वर्ग का अहित करते रहोगे! आप आख़िर छात्रों को उनकी असलियत बताने में क्यों डर रहे हो! वे अपने वास्तविक स्वरूप को भलीभांति जानते है। वे इतने परिपक्व हो चुके है कि खुद का स्वविवेक से मूल्यांकन कर सकते है!!
आप इस प्रकार के परिणामों का मंजर दिखाकर छात्रों को नंबरो की गणना तक सीमित कर दोंगे! उनको अभी बहुत कुछ समझना है! उनको बताइये की वाकई नम्बरों में इज़ाफ़ा होना, ज्ञान में इज़ाफ़ा होने के समान नहीं है!! जुगनुओं को बैशाखी देकर हम कब तलक चाँद बनाते रहेंगे! ये आधुनिकता का दौर है जनाब.....यहाँ कागज़ के ऊपर अंकित नम्बरों से आपको कोई नॉकरी देना वाला नहीं है! आपको भी इस आधुनकि समाज की परखनी वाली अग्नि में जलना होगा, अपनी आहुति देनी होगी! क्योंकि यहां नंबर नहीं, हुनर देखा जाता है! केवल अंक आपके व्यक्तित्व का कभी भी सही मूल्याकंन नहीं कर सकते, इल्म तो वो जो आपके किरदार से झलकता हो!!
खैर ये कोई बौद्धिक पोस्ट नहीं थी!! आपने कुछ ज्यादा ही सोच लिया! ये तो मेरे कॉलोनी में किसी परिचित के 95वे प्रतिशत अंक आ गए। तो मुझे लगा वाकई मज़ाक होता है.......धन्यवाद शिक्षा विभाग मूल्यांकन की जगह मनोरंजन करने के लिये!! ई सब रॉंग नंबर है.......अब तनिक थोड़े समय बाद ई सब ISRO में वैज्ञानिक बनेंगे, कोई खाड़ी देशों में उच्चायुक्त बनेगा! तो कोई शेयर मार्केट में बड़ा इन्वेस्टमेंट करेगा! तो कोई NASA का हैड! कोई हार्डवर्ड में प्रोफेसर...... कोई लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी करेगा!! ओ साहब! हमको तो याद रखोगे ना!!
✍️© हितेश राजपुरोहित
सबको एक लकड़ी से हाँकना ये सही था😀😀
ReplyDeleteसही कहा हितेश जी...ई सब रॉंग नम्बर है
ReplyDeleteनींव कमजोर रहेगी
ReplyDeleteगज़ब का व्यंग्य किया है हितेश भैया आपने! बहुत अच्छे! इसी तरह कलम चलाते रहना, कलम को रुकने मत देना ।
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